सुप्रीम कोर्ट सख्त निर्दिश, कहा- रामदेव एक सप्ताह में आम माफी मांगें:-
सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद दवाओं के भ्रामक प्रचार से जुड़े अवमानना मामले में योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी बालकृष्ण को एक सप्ताह में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया गया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्ददीन अमानुल्लाह की बेंच ने रामदेव और बालकृष्ण को एलोपैथी सहित अन्य चिकित्सा पद्धतियों को कमतर दिखाने का प्रयास न करने की भी हिदायत दी है। इससे पहले रामदेव और बालकृष्ण ने मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होकर माफी मांगी है। हालांकि, कोर्ट ने इस माफी और 2 तथा 10 अप्रैल को दायर किए गए माफी के हलफनामे को अभी स्वीकार नहीं किया है।
10 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई न करने पर केंद्र और उत्तराखंड के सरकार की भी खिंचाई की थी। शीर्ष कोर्ट ने 23 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में भी रामदेव और बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने का आदेश दिया था। बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 2022 में पतंजलि आयुर्वेद पर कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगाया था।
रामदेव बोले- हमसे उत्साह में ऐसा हो गया था
रामदेव ने कोर्ट में कहा, हमने जो किया वो उत्साह में हुआ था। बेंच ने कहा, आपने हमारे आदेश की अवहेलना की है। रामदेव बोले- हमें कानून की जानकारी नहीं थी। बेंच ने कहा, रामदेव आयुर्वेद को लेकर अच्छा काम कर रहे हैं, पर दूसरी चिकित्सा पद्धतियों को कमतर नहीं बता सकते हैं। बालकृष्ण ने रामदेव का यह कहकर बचाव करना चाहा कि वे कंपनी के रोजमर्रा के काम नहीं देखते। इस पर बेंच ने कहा- आपका रवैया अब भी अड़ियल है, माफी दिल से नहीं आ रही है। वहीं, रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, मेरे मुवक्किल आम माफी मांगने को भी तैयार हैं।
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