क्या आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की जान खतरे में है?
- कौन है वो जो उन्हें जान से मारना चाहता है।
- क्यों नक्सलियों की लिस्ट में है सुदेश महतो का नाम?
- इन सवालों ने झारखंड की सियासत में भूचाल ला दिया है।
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को लेकर खुफिया एजेंसियों ने जो जानकारी साझा की है, वो चौंकाने वाली है। PLFI के 15 लाख के इनामी नक्सली मार्टिन केरकेट्टा की रडार पर सुदेश महतो थे। दो दिन पहले गुमला में हुए एनकाउंटर में मार्टिन के मारे जाने के बाद इस सनसनीखेज साजिश का खुलासा हुआ है। दिन था 25 जनवरी 2023। जगह थी रांची का जोन्हा जंगल। यहां PLFI के बड़े नक्सली कमांडरों की एक गुप्त बैठक हुई थी। मीटिंग में मार्टिन केरकेट्टा, तिलकेश्वर गोप, सूरज गोप और मोटू जैसे नाम शामिल थे, और मकसद था सुदेश महतो को खत्म करना। प्लान तैयार हुआ। टारगेट सेट किया गया। और तय कर लिया गया कि झारखंड की राजनीति में प्रभावशाली चेहरों में से एक सुदेश महतो को मिटा देना है। लेकिन समय रहते खुफिया एजेंसियों को इस साजिश की भनक लग गई। पुलिस ने समय रहते छापेमारी की। इस कार्रवाई में तिलकेश्वर गोप और सूरज गोप को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मार्टिन और मोटू फरार हो गए। तिलकेश्वर ने पूछताछ में सब उगल दिया, उसने बता दिया कि सुदेश महतो नक्सलियों के निशान पर थे। मार्टिन केरकेट्टा के मारे जाने के बाद फिलहाल कहा जा रहा है कि सुदेश महतो अब खतरे से बाहर हैं, लेकिन PLFI की मानसिकता और नेटवर्क को देखते हुए अभी भी उनको सतर्क रहने की ज़रूरत है।
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि सुदेश महतो को मारने की ये खौफनाक साजिश क्यों रची जा रही है। क्या ये सिर्फ नक्सली दुश्मनी थी या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक साजिश छुपी है? खुद खुफिया विभाग भी इस सवाल का ठोस जवाब नहीं दे पा रहा। क्या ये हमला सिर्फ नक्सली था या किसी ने उन्हें इस्तेमाल किया? क्या कोई अंदरूनी साजिश सुदेश महतो के खिलाफ चल रही है? दरअसल ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब सुदेश महतो को टारगेट किये जाने की साजिश रची गई हो इससे पहले भी उनको मारने की साजिश रची जा चुकी है। 2014 में सुदेश कुमार महतो को जनवरी और फरवरी महीने में दो बार मारने की कोशिश की गई, लेकिन नक्सली इसमें विफल रहे। उस समय भी इस मामले को लेकर कई नक्सली गिरफ्तार हुए थे।