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bhaajapa adhyaksh ke chunaav mein kin do vajahon se ho rahee deree? res mein is kendreey mantree ka naam sabase aage !

भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में किन दो वजहों से हो रही देरी? रेस में इस केंद्रीय मंत्री का नाम सबसे आगे !

BJP President:- बीजेपी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को 6 वर्षों से भी ज्यादा हो चुका है। लेकिन पार्टी कई महीने पहले संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के बावजूद अभी तक इस पद के लिए किसी नेता का नाम तय नहीं कर पाई है, बीजेपी। लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद इस काम में रफ्तार आई है और होली से पहले सहमति से एक नेता का नाम तय हो जाने की संभावना बढ़ गई है।

बीजेपी के पार्टी संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। लेकिन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा इसके दोगुने समय से भी ज्यादा दिनों से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आखिर पार्टी के सामने क्या लाचारी है कि इतनी देरी हो रही है? इसके बारे में सोशल मीडिया से बहुत सारे खबर निकल रही हे।

कुछ राज्यों में सदस्यता अभियान और संगठनात्मक चुनावों में देरी की वजह से लटका है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम-बीजेपी सूत्र:-

बीजेपी के इस पदाधिकारी ने अपना नाम नहीं जाहिर होने देने का अनुरोध करते हुए बताया है कि दरअसल इस देरी की पहली वजह ये रही कि पार्टी की ओर से सदस्यता अभियान चलाने में ही कुछ राज्यों में काफी देरी हो गई। इसके चलते ज्यादातर राज्यों में संगठनात्मक चुनाव का कार्य ही अभी तक संपन्न नहीं हुआ है।

उनके अनुसार संभावना है कि आने वाले कुछ दिनों में लगभग आधे राज्यों में बूथ अध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों के चुनावों का काम पूरा हो जाएगा और फिर प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर भी सहमति बन जाएगी। आधे राज्य में यह प्रक्रिया पूरी हो गई तो फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है।

 

होली से पहले मिल जाना चाहिए भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष- पार्टी सूत्र

जब हमने बीजेपी नेता को बहुत कुरेदा तो उन्होंने बताया कि “बीजेपी संगठन के हिसाब से कुल 38 प्रदेश हैं। इनमें से लगभग 12 प्रदेशों में आंतरिक चुनाव के कार्य पूरे हो चुके हैं। कम से कम आधे का मतलब है कि जैसे ही कम से कम 19 प्रदेश में संगठन का चुनाव का काम संपन्न हो जाएगा तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के भी नाम पर सहमति बन सकती है…लेकिन होली से पहले यह हो जाना चाहिए।”

दिल्ली समेत अन्य विधानसभा चुनावों की वजह से भी हुई अध्यक्ष का नाम तय होने में देरी- बीजेपी नेता

इससे पहले बीजेपी सूत्रों की ओर से ही खबर आ रही थी कि पार्टी को 15 जनवरी तक ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। लेकिन, बीते महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनावों को भी इसमें देरी की वजह बताई जा रही है। खासकर दिल्ली विधानसभा को इस चुनाव में देरी को भी एक बहुत बड़ा बताया जा रहा है।

भाजपा नेता का कहना है कि दिल्ली चुनाव पार्टी के लिए इतना अहम था कि ‘एक-एक सीट पर पार्टी ने चार-चार बड़े नेताओं’ को उतार रखा था। इस वजह से भी राज्यों में संगठन के चुनावों पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बन सकते हैं बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष

जब हमने पार्टी के संभावित अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम पूछा तो बीजेपी के उस नेता बेझिझक बताया कि “धर्मेंद्र प्रधान बन सकते हैं। इनकी संभावना सबसे ज्यादा है।” जब हमने कहा कि किसी दक्षिण भारतीय नेता को मौका देने की भी खबरें चल रही हैं तो उन्होंने ऐसी किसी भी संभावना को सीधे तौर पर खारिज कर दिया।

जेपी नड्डा को भी फिर से मिल सकता है मौका

सबसे चौंकाने वाली बात भाजपा नेता ये भी बताया कि “नड्डा जी का नाम भी खारिज करके नहीं चला जा सकता। उनके नाम पर भी पार्टी में सहमति बन सकती है।”

उनके मुताबिक बीजेपी के संविधान में अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। एक अध्यक्ष अधिकतम दो कार्यकाल रह सकता है। लेकिन, नड्डा ने अपना एक ही पूर्ण कार्यकाल पूरा किया है।

मतलब, 2019 में उन्होंने अमित शाह के बाद कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम किया। फिर 2020 में वे पूर्णकालिक अध्यक्ष बने। वहीं 2023 के बाद पहले लोकसभा चुनावों के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया और उसके बाद विधानसभा चुनावों की वजह से वह जिम्मेदारी निभाते जा रहे हैं। इस तरह से उनका दूसरा कार्यकाल अभी बाकी है, इसलिए पार्टी के संविधान के हिसाब से उनके फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने में कोई अड़चन नहीं है।

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