Headlineकिशोरगवर्नमेंटझारखंडस्टेट

कुड़मी को आदिवासी का दर्जा पर सुनवाई को झारखंड हाई कोर्ट तैयार।

Jharkhand High court
कुड़मी को आदिवासी का दर्जा पर सुनवाई को झारखंड हाई कोर्ट तैयार।

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में सोमवार को कुड़मी को आदिवासी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में याचिका की मेरिट पर सुनवाई करने की बात कहते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और सभी संबंधित पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कुड़मी जाति को जनजातीय की सूची में शामिल करने के लिए एबओरिजिनल कुड़मी पंच के अध्यक्ष डा. बीबी महतो ने याचिका दाखिल की है।

Jharkhand High court
Jharkhand High court

याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार की 1913 और 1931 कीअधिसूचना में कुड़मी आदिवासी थे, लेकिन 1950 की अधिसूचना में छोटानागपुर के कुड़मियों को बिहार का कुर्मी समझ अति पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में डाल दिया गया। यह संविधान के अनुच्छेद 342 का उल्लंघन है। वर्ष 1913 और 1931 की अधिसूचना में कुड़मियों के आदिवासी होने को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक आदेश में भी प्रमाणित किया है।

झारखंड हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब

याचिका में अपने दावे के समर्थन में प्रार्थी ने कई पुस्तकों और पटना हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला भी दिया है। प्रार्थी के अनुसार बीएचयू के शोध में भी इस बात का पता चला है कि कुड़मी भी इस देश के सबसे पुराने आदिवासी हैं और छोटानागपुर के पठार पर 65 हजार साल से रह रहे हैं। प्रार्थी के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव की ओर से अदालत को बताया गया कि 1950 की अधिसूचना में भूल हुई है। इसमें सुधार कर कुड़मियों को फिर से एसटी की सूची में शामिल करने का निर्देश दिया जाए।

शुभमन गिल ने रचा इतिहास, गुजरात टाइटन्स के पहले बल्लेबाज बनें

Related posts

आपातकाल की तारीख 25 जून’ को अब संविधान हत्या दिवस, केंद्र का आदेश !

The Real Diary

Jharkhand Politics : चमरा लिंडा के नामांकन से JMM में खलबली, पार्टी ने दे दी चेतावनी- नामांकन वापस लो नहीं तो एक्शन होगा।

The Real Diary

सब कुछ मेरे हाथ में नहीं था’- टीम इंडिया से बाहर होने पर ईशान किशन ने बोले अपने दिल की बात

The Real Diary

Leave a Comment