दिसंबर से ट्रेनों में कन्फर्म सीट की, शुरुआत इन 5 रूट से होगी
रेलवे में वेटिंग टिकट धीरे-धीरे खत्म होने जा रहा है। ट्रेनों में आरक्षित सीटों की मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। सभी को कन्फर्म टिकट की शुरुआत का पहला चरण इसी साल दिसंबर से होगा। इसके लिए पांच चुनिंदा रूट्स पर 500 किमी दूरी के लिए सामान्य ट्रेनों में कन्फर्म टिकट की उपलब्धता 90% तक सुनिश्चित हो जाएगी। इसका विवरण रेलवे के सुपर एप से लोगों को मिल सकेगा। ये पांच रूट्स कौन से होंगे, इस पर मंथन चल रहा है।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक अभी देश में जितनी कन्फर्म टिकट की मांग है, उतनी उपलब्धता अगले 7 साल में कर ली जाएगी यानी 2031 आते-आते वेटिंग टिकट इतिहास की बात हो जाएगी। इसके लिए कम और लंबी अवधि की योजना पर काम चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक कम अवधि (साल भर से कम समय) की योजना के तहत पांच चुनिंदा रूट्स पर 500 किमी की दूरी के लिए वेटिंग और कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों का डेटा एकत्रित हो चुका है। इससे पता चलेगा कि किस रूट पर रोज कितने यात्री किस श्रेणी का आरक्षित टिकट लेते हैं। भले ही वह कन्फर्म हो या वेटिंग।वो सब कुछ, जो आपके लिए जानना जरूरी है
सुपर एप से कन्फर्म सीट पता चल जाएगी यह कैसे होगा?
इसके लिए रेलवे सुपर एप तैयार कर रहा है। अगले छह महीने में एप काम करने लगेगा।
एप कैसे मदद करेगा?
यात्री जैसे ही चुनिंदा रूट पर यात्रा के शुरुआती और गंतव्य स्टेशन का विवरण डालेंगे, उन्हें ट्रेनों के कन्फर्म टिकट का डेटा दिखेगा। दावा है कि इससे 90% यात्रियों को वेटिंग टिकट से मुक्ति मिल जाएगी। • पॉपुलर ट्रेनों में कन्फर्म सीट के लिए क्या करना होगा?
सभी चुनिंदा ट्रैक पर चलने वाली पॉपुलर ट्रेनों में कन्फर्म सीट के लिए एक घंटे के अंतराल में दूसरी ट्रेन चलाई जाएगी। इसमें कन्फर्म टिकट देंगे। इस ट्रेन के डिब्बे वेटिंग टिकट वालों की श्रेणी के आधार पर होंगे यानी स्लीपर वेटिंग टिकट ज्यादा हैं, तो इसी क्लास के डिब्बे ज्यादा होंगे।
इससे क्या फायदा? इससे किसी भी श्रेणी में उपलब्ध कन्फर्म टिकट पर यात्रा आसान होगी। यदि स्लीपर का टिकट है और एसी के डिब्बे ज्यादा हैं तो टिकट में किराये का अंतर भरकर सफर कर सकेंगे। समकक्ष ट्रेन के लिए अलग से टिकट नहीं लेना होगा।
कन्फर्म सीट और वेटिंग टिकट का अंतर 10% करेंगे
एक रेल अधिकारी के मुताबिक कन्फर्म सीट और वेटिंग टिकट के अंतर को कम करने के लिए उसी अनुपात के आधार पर ट्रेनों में अतिरिक्त बोगी लगाकर या अतिरिक्त ट्रेन चलाकर कन्फर्म सीट की मांग और आपूर्ति की कमी को घटाकर 10% तक लाया जाएगा।