झारखंड बेटे के शव के इंतजार में बीते 15 दिन, परिवार सरकार से मांग रहा मदद।
राज्य व केंद्र सरकार मेरे बेटे के शव को जल्द से जल्द भारत लाये।15 दिनों से मेरा पूरा परिवार बेटे के शव के इंतजार में रो-रो कर बुरा हाल है, सरकार मेरी मदद करें।
■ 27 मार्च को इरान में एक शिप में ड्यूटी के दौरान उनके बेटे की मौत की सूचना उन्हें मिली थी
■ बिलखते परिजनों ने कहा शव के लिए विचलित है पूरा परिवार
GG मेरे बेटे के शव को जल्द भारत लाया जाए। इतने दिन बीत जाने के बावजूद शव नहीं आ सका। इससे हम परेशान है, सरकार हमारी मदद करे।
– रामनंनद महतो (अहलाद के पिता)
मोहनपुर के तरतरा निवासी मृतक अहलाद नंदन महतो के पिता रामनंदन महतो ने कहा। उन्होंने कहा की बीते 27 मार्च को इरान में एक शिप में ड्यूटी के दौरान उनके बेटे की मौत होने की सूचना उन्हें मिली थी, इसके बाद से अब तक 15 दिन बित गए पर अब तक बेटे का शव भारत नहीं आया पाया। उन्होंने कहा की राज्य सरकार व केंद्र सरकार हमारी मददकरें, ताकि हम अपने बेटे को अंतिम बार देख सके और पारम्परिक रीती रिवाज से बेटे का अंतिम संस्कार कर सके।
उन्होंने कहा की बीते 15 दिनों से परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है, ऐसा लगता है की हमारी मदद करने वाला कोई नहीं। हमने इसे लेकरप्रशासन व जन प्रतिनिधियों से कहा है पर अब तक हमारे बेटे का शव का नहीं मिला। उन्होंने शीघ्र अति शीघ्र कार्रवाई कर बेटे का शव भारत में लाने की मांग की है।

27 मार्च को हुई थी मौतः घटना के सम्बन्ध में परिजनों ने बताया कीउनका बेटा बीते वर्ष 2024 की 17 अगस्त को बीएनडी याट शिप मैनेजमेंट प्रा.लि. में काम के लिए इरान गया हुआ था। वहीं बीते 28 मार्च की शाम को घर वालों को अहलाद के कलिग ने फोन कर बताया की शिप में हुई दुर्घटना से अहलाद की मौत होगई। परिजनों को बताया गया की शिप में एक भारी कन्टेनर उसके ऊपर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने इसे लेकर स्थानीय प्रशासन, जन प्रतिनिधि, राज्य सरकार व केंद्र सरकार से मदद मांगते हुए इसकी जांच करने व जल्द शव भारत लाने की मांग की है।
थर्ड इंजीनियर के पद पर था तैनात
अहलाद नंदन महतो उक्त कम्पनी में थर्ड इंजीनियर के पद पर तैनात था। वह वर्ष 2017 में मर्चेंट नेवी से जुडा था, परिजनों ने बताया की उसने ग्रेजुएशन के बाद मकैनिकल इन मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। अहलाद कुछ वर्षों तक कोलकत्ता बंदरगाह में भी काम कर चुका है।