सेना को एक्शन करने से पहले जरूरी सोच-विचार करना चाहिए! महबूबा मुफ्ती
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। बीते कुछ दिनों में 10 से ज्यादा आतंकियों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है। लेकिन इस कार्रवाई पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक अहम सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच स्पष्ट अंतर करना बेहद जरूरी है। महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए चिंता जताई कि इस कार्रवाई में कहीं आम कश्मीरियों के घर भी निशाना न बन जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम, जिनमें निर्दोषों को नुकसान पहुंचे, क्षेत्रीय एकता को खतरे में डाल सकते हैं और विभाजन को और गहरा कर सकते हैं।

महबूबा मुफ्ती की अपील:
सरकार को निर्देश देना चाहिए कि कार्रवाई से पहले सही जांच की जाए।
निर्दोष लोगों को निशाना बनाने से बचाव हो।
आतंकवाद का विरोध करने वाले आम नागरिकों को अलग-थलग न किया जाए।
आतंकियों के मकसद — डर और बंटवारे — को पूरा करने का मौका न मिले।
कश्मीर में हजारों गिरफ्तारियों और घरों के ध्वस्तीकरण की रिपोर्टें चिंता बढ़ा रही हैं। ऐसे में जरूरी है, कि हम संवेदनशीलता और संतुलन के साथ काम करें ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे।
आतंकवाद का मुकाबला जरूरी है, लेकिन साथ ही निर्दोष नागरिकों की इज्जत और सुरक्षा भी उतनी ही अहम है।