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प्रतिबंध हुआ बेअसर? सरहद पर तनाव के बीच भारत-चीन ने व्यापार के तोड़ डाले सारे रिकॉर्ड, 2 महीने में ही 15.8% का हुआ इजाफा

प्रतिबंध हुआ बेअसर? सरहद पर तनाव के बीच भारत-चीन ने व्यापार के तोड़ डाले सारे रिकॉर्ड, 2 महीने में ही 15.8% का हुआ इजाफा

India-China Trade:- भारत और चीन के बीच भले ही सरहद पर भारी तनाव हो, लेकिन दोनों देशों के बीच के कारोबार ने इस साल सारी सीमाओं को तोड़ दिया है। चीन ने दावा किया है कि, इस साल के पहले दो महीने में दोनों देशों के बीच का कारोबार में 15.8 प्रतिशत का रिकॉर्ड तोड़ इजाफा दर्ज हुआ है।

ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कस्टम विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि, 2024 के पहले दो महीनों में भारत के साथ चीन के व्यापार में साल-दर-साल के स्तर पर 15.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। और इसके साथ ही, भारत, चीन के व्यापारिक भागीदारों के बीच सबसे तेज रफ्तार से कारोबार करने वाला देश बन गया है।

चीन के साथ भारत का रिकॉर्ड तोड़ कारोबार

ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कस्टम डिपार्टमेंट के हवाले से दावा किया है, कि इस साल के पहले दो महीने, यानि जनवरी और फरवरी में भारत के साथ चीन का व्यापार 23.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और भारत में चीनी निर्यात 12.8 प्रतिशत बढ़कर 19.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि भारत से चीन का आयात 34.7 प्रतिशत बढ़कर 3.7 अरब डॉलर हो गया है।

चीनी मीडिया का दावा है कि, इस साल के दो महीनों के दौरान चीन के व्यापारिक साझेदारों में, भारत के साथ व्यापार की वृद्धि दर सबसे तेज रफ्तार से हो रही है। जबकि, इस साल के पहले दो महीनों में चीन का वियतनाम के साथ कारोबार 21.6 प्रतिशत बढ़ा है।

शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में रिसर्च सेंटर फॉर चाइना के महासचिव लियू जोंगई ने कहा, कि “भारत सरकार द्वारा लगाए गए कई व्यापार प्रतिबंधों के बावजूद, चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार की मजबूती मौजूदा स्तर पर दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लचीलेपन और पूरकता को दर्शाती है।”

चीन की अर्थव्यवस्था पिछले दो सालों में काफी खराब प्रदर्शन कर रही है और ऐसे समय में भारत के साथ रिकॉर्डतोड़ कारोबार ने चीनी एक्सपर्ट्स के चेहरों पर मुस्कान ला दी है, लिहाजा वो भारत की तारीफ करने से नहीं चूक रहे हैं।

 

लियू ने कहा कि, “कारोबार के इस ग्राफ ने हाल के वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में भारत की आर्थिक शक्ति को भी प्रदर्शित किया है।”

लियू ने कहा, कि चीन से मजबूत आयात को मुख्य रूप से सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री, इसके दवा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण सामग्री और इसके स्मार्ट फोन विनिर्माण उद्योग के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मध्यवर्ती सामानों की देश की मजबूत मांग से समर्थन मिलता है।

हाल के वर्षों में देखा गया है की, भारत दुनिया की विनिर्माण महाशक्ति के रूप में चीन की जगह लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन लियू ने कहा कि व्यापार के आंकड़ों से पता चलता है, कि “वर्तमान स्तर पर भारत की महत्वाकांक्षा वास्तविकता के बजाय एक विजन बनी हुई है।”

लियू के अनुसार, चीन को भारत का बढ़ता निर्यात लौह अयस्क के लिए निर्यात में ढील के उपायों का परिणाम हो सकता है, जो चीन को थोक निर्यात की जाने वाली वस्तु से होता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के दो महीने में चीन ने भारत से लोह अयस्कों की खरीददारी बढ़ा दी है, जिसकी वजह से चीन में भारत का निर्यात भी बढ़ा है।

भारतीय प्रतिबंध बेअसर?

सीमा संघर्ष के बाद से नई दिल्ली ने चीन के खिलाफ कई व्यापारिक प्रतिबंध लगाए गए हैं और चीनी कंपनियों के खिलाफ भी नकेल कसा है, लेकिन लगता है, कि प्रतिबंध बेअसर हो रहे हैं। चीन और भारत के बीच दो-तरफा व्यापार हाल के लगातार वर्षों में 100 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है और सालाना बढ़ता ही जा रहा है, जो दोनों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग की लचीलापन और क्षमता को दर्शाता है।

 

जबकि, ब्रिक्स देशों से भी तुलना करें, तो चीन ने अपने व्यापार में इजाफा होने का दावा किया है।

चीन का दावा है, कि ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार में साल-दर-साल 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि ब्राजील के साथ व्यापार में 33.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं दक्षिण अफ़्रीका के साथ व्यापार में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चीन ने ये भी दावा किया है, कि इस साल के पहले दो महीनों में चीन का विदेशी व्यापार 5.5 प्रतिशत बढ़ गया है।

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