Bihar Elections: प्रशांत किशोर में BJP को दिखने लगा नीतीश कुमार का विकल्प? इस फॉर्मूले से डुबो सकते हैं JDU-RJD की नया ?
जन सुराज के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बड़ा सियासी दांव चल दिया है.
प्रशांत किशोर ने चुनाव के लिए जो फॉर्मूला इजाद किया है, वह जेडी(यू) और आरजेडी की दिक्कत तो बढ़ाएगा पर बीजेपी के लिए राह आसान कर देगा.
मूल रूप से बिहार से नाता रखने वाले प्रशांत किशोर DM (दलित और मुस्लिम) के साथ EBC (आर्थिक तौर पर पिछड़े/महापिछड़ा) पर ध्यान दे रहे हैं.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में 75 मुसलमानों को मौका दे सकते हैं, जबकि इतने ही ईबीसी को मौका मिलेगा.
कहा गया कि प्रशांत किशोर पेशेवरों (डॉक्टर, इंजीनियर, एनजीओ वर्कर, एक्टिविस्ट और रिटायर्ड लोग) और बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को भी मौका देंगे.
हालांकि, प्रशांत किशोर की पार्टी की ओर से किन्हें मौका मिलेगा? फिलहाल इस बारे में किसी प्रकार की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
प्रशांत किशोर अगर हू-ब-हू यही रणनीति अपनाएंगे तब उनके इस फॉर्मूले से बीजेपी की बल्ले-बल्ले हो सकती है. सीटों के मोर्चे पर उसे राहत मिलेगी.
बिहार में बीजेपी को मोटे तौर पर सवर्ण वोट मिलता है, जबकि उसे नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी का सहारा लेना पड़ता है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रशांत किशोर के 150 सीटों पर ‘डीएम’ और ‘ईबीसी’ दांव से बीजेपी को गिरी से गिरी हालत में 30-40 सीटों पर राहत मिल सकती है.
यह भी रोचक है कि प्रशांत किशोर मतदाता से धर्म और जाति से ऊपर उठकर वोट डालने को कहते हैं पर वे प्रत्याशियों के मामले में खुद यह फंडा अपना भी सकते हैं.