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पूजा का चयन रद्द कर आयोग ने बोला- पहली बार ऐसा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है

पूजा का चयन रद्द कर आयोग ने बोला- पहली बार ऐसा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है

UPSC:- किसी ट्रेनी आईएएस अफसर पर पहली बार ऐसी कोई  कार्रवाई !

फर्जी प्रमाण पत्र और धोखाधड़ी से ज्यादा अटेम्ट देने में फंसीं पूजा खेडकर के खिलाफ यूपीएससी ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा की उम्मीदवारी रद्द करते हुए भविष्य में यूपीएससी की किसी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी। पूजा को सीएसई -2022 नियमों के उल्लंघन करने का दोषी माना गया है। आयोग ने कहा, पूजा ने धोखाधड़ी से तय सीमा से ज्यादा बार परीक्षा दी। उन्हें 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस देकर 25 तक जवाब मांगा गया था। उन्होंने 4 अगस्त तक का समय मांगा, पर आयोग ने 30 जुलाई तक का समय दिया। समय पर जवाब न देने पर मौजूदा रिकॉर्ड की जांच कर उन्हें दोषी ठहराया गया। आयोग ने बताया, उसने इस मामले में 2009 से 2023 तक 15 हजार से ज्यादा चयनित उम्मीदवारों के रिकॉर्ड की जांच की है। पहली बार ऐसा मामला सामने आया, जिसमें फर्जीवाड़ा कर निर्धारित से ज्यादा अटेम्ट दिए गए हैं।

पूजा पर भारी पड़ गई पुणे में 18 दिन की ट्रेनिंग में दिखाई हेकड़ी !

पूजा खेडकर यूपीएससी 2022 परीक्षा में ओबीसी नॉन क्रिमिलेअर, दिव्यांग श्रेणी से आईएएस बनीं। उनका प्रोबेशन जुलाई 2023 से जुलाई 2025 तक था। चयन के बाद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में नौ महीने चार दिन रहीं। पुणे कलेक्ट्रेट में इस साल 3 जून से 21 जून तक (18 दिन) ट्रेनिंग में उन्होंने ऐसी हेकड़ी दिखाई कि यूपीएससी को संभवतः पहली बार ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी। पूजा खेडकर की गड़बड़ियों के खुलासे में आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार के आवेदनों का बड़ा योगदान रहा।

फर्जी प्रमाणपत्र, अफसर के केबिन पर जा कर कब्जा!

पुणे में ज्वाइनिंग से पहले पूजा ने रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर से अलग
केबिन, कार, आवास और सुरक्षा की मांग की। जबकि यह सुविधाएं ट्रेनी अफसरों को नहीं मिलती हैं।
कार पर नारंगी-नीली बत्ती और सायरन लगवाया। दूसरे अफसर के केबिन के बाहर अपनी नेम प्लेट लगवा ली।
पूजा के लिए उनके पिता और रिटायर आईएएस अफसर दिलीप खेडकर ने अफसरों को धमकाया। इस पर पुणे के कलेक्टर ने पूजा का ट्रांसफर वाशिम करवा दिया।
पूजा ने दस्तावेजों में गड़बड़ी कर 11 बार यूपीएससी परीक्षा दी। जबकि वे सिर्फ 9 बार परीक्षा दे सकती थीं। पिता की संपत्ति 40 करोड़ रुपए से ज्यादा होने के बावजूद पूजा खेडकर ने क्रीमीलेअर ओबीसी आरक्षण का फायदा उठाया। इसके अलावा उनके दिव्यांगता प्रमाणपत्र में गड़बड़ी सामने आई है।

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