झारखण्ड के देवघर में एक युवक की मौत के बाद अस्पताल ने शव को बंधक बना लिया।
झारखंड के देवघर में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक युवक की मौत के बाद अस्पताल ने शव को बंधक बना लिया। बिल चुकाने के लिए मां को जमीन बेचनी पड़ गई।

झारखंड के देवघर म शमनाक घटना सामने आई है। यहां अस्पताल का बिल चुकाकर बेट का शव लेने के लिये मां को जमीन बेचनी पड़ी। सड़क हादसे में जख्मी मोहनपुर के चकरमा गांव निवासी कन्हैया कापरी क इलाज के दौरान कुंडा के मेधा सेवा सदन में शुक्रवार को मौत हो गई। 1 अप्रैल से कन्हैया इस नर्सिंग होम में भर्ती था। इस दौरान इलाज के मद में 40 हजार का बिल बना। लेकिन परिजन बिल नहीं दे पाए तो क्लीनिक प्रबंधन ने शव देने से इंकार कर दिया। आखिरकार जमीन बेचकर और चंदा जुटाकर परिजन ने क्लीनिक को पैसे दिए। इस मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है , वो सारे सबूत देने के लिये तैयार है ।
महिला को अपनी जमीन बेचकर पैसे चुकाने पड़े |
देवघर जिले के मोहनपुर थानांअंतर्गत चकरमा गांव निवासी वीणा देवी की मानें तो बेटा कन्हैया कुमार कापरी का शव लेने के लिए उसने अपनी जमीन बेच दी वीणा ने बताया की मंगलवार को सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी बेटा को इलाज के लिए कुंडा का निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया था, जहा शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।महिला ने बताया की अस्पताल प्रशासन ने बेटे के मौत के बाद शव देने से इनकार कर दिया था। तब महिला को अपनी जमीन बेचकर पैसे चुकाने पड़े |
मेधा सेवा सदन क संचालक डॉ. संजय ने आरोप को नकारते हुए कहा
वह दूसरी ओर मेधा सेवा सदन क संचालक डॉ. संजय ने आरोप को नकारते हुए कहा की शव को बंधक नहीं बनाया गया था। गंभीर हालत में भर्ती कन्हैया कुमार कापरी का शुक्रवार सुबह मौत हो गई। परिजन शव ले गए। इलाज में 44 हजार रुपए का बिल बना था, लेकिन परिजन ने मात्र 10 हजार रूपये ही दिया। पैसे के लिए बंधक बनाया जाता तो पूरे पैसे लिए जाते। सीसीटवी फुटेज देख सकते है । महजुद है, उसे निकालकर भी देखा जा सकता है, जससे आरोप स्वत: निराधार साबित होंगे । उसी घटना में गंभीर दो अन्य युवक का इलाज अभी भी क्लीनिक में किया जा रहा है |