हार कर भी झारखंड की राजनीति में हीरो बन गए जयराम महतो
गिरिडीह:- लोकसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में एक और नए चेहरे ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की है। गिरिडीह लोकसभा सीट से हारने के बावजूद जयराम महतो झारखंड की राजनीति में नए हीरो बनकर सामने आए हैं। गिरिडीह से चुनाव लड़ रहे झारखंडी भाषा संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के जयराम महतो ने तीन लाख 47 हजार 322 वोट लाकर यह साबित कर दिया कि झारखंड की राजनीति में आने वाले समय में वे बड़ा उलटफेर करने वाले हैं।
गिरिडीह लोकसभा सीट पर एकबार फिर से आजसू के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत दर्ज को। उन्होंने झामुमो उम्मीदवार मथुरा प्रसाद महतो को 80,880 वोटों से हराया। यहां जयराम महतो तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन उन्होंने हर राउंड में शानदार प्रदर्शन कर सभी छह विधानसभा में अच्छी उपस्थिति दर्ज की है। जयराम महतो को तीन लाख 47 हजार 322 वोट मिले।
विधानसभा चुनाव में बड़ा फैक्टर बनेंगे जयराम
जयराम महतो ने गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग, रांची और कोडरमा सीट पर दमदार उपस्थिति दर्ज कर यह साबित कर दिया कि झारखंड में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में वे बड़ा फैक्टर बनने वाले हैं। खासकर कुर्मी बहुल सीटों पर जयराम फैक्टर काम करेगा ये तो तय है। इसकी बानगी लोकसभा चुनाव में दिख गई है।
उनके वोट की चर्चा पूरे झारखंड में हो रही है। जयराम के वोट से यह तय हो गया कि आने वाले समय में वे झारखंड की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले हैं। जयराम महतो की दमदार उपस्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे मथुरा महतो से मात्र 23 हजार वोटों से ही पीछे रह गए थे।
आजसू-झामुमो के लिए खतरे की घंटीः झारखंड की राजनीति में जयराम महतो के उदय से आजसू और झामुमो के लिए खतरे की घंटी बज गई है। अबतक स्थानीय वोटों पर इन्हीं दो पार्टियों का कब्जा रहता था, लेकिन अब जयराम महतो के रूप में एक तीसरा मजबूत विकल्प झारखंड में सामने आने को तेयार गया है।
जयराम के प्रत्याशियों ने भी किया शानदार प्रदर्शनः- जयराम महतो की पार्टी (जेबीकेएसएस) पूरे झारखंड में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद और रांची में जयराम महतो की पार्टी ने शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है।