- हेमंत सोरेन खुद को संविधान से ऊपर ना समझें :- संजीव महतो AJSU पार्टी केंद्र सचिव
*कुड़मि का एसटी हक व पहचान इससे क्या मिलेगा या नहीं हेमंत चिंता ना करें*
*अज्ञानता में एसटी में शामिल की मांग पर आदिवासी में शामिल की बात रखा*
*आदिवासी जन्म से ना कि सरकार बनाती वहीं आदिवासी को एसटी सरकार बनाती है*
आज झारखंड विधानसभा सत्र के अंतिम दिन आजसू पार्टी विधायक लंबोदर महतो के द्वारा कुड़मि को एसटी में शामिल करने संबंधी मांग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया टिप्पणी पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। हेमंत सोरेन के बातों से लगता है कि उन्हें आदिवासी और अनुसूचित जनजाति क्या है उन्हें इसकी समझ ही नहीं है। हेमंत सोरेन को मालूम होना चाहिए या उन्हें पता करना चाहिए कि आदिवासी आदिवासी के ही बच्चे होते हैं यानि जन्म से आदिवासी होते हैं कोई सरकार आदिवासी बनाने का अधिकार नहीं रखती। सरकार आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सुची में शामिल या हटाने मात्र का शक्ति रखती है।
उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड विधानसभा में जिस तरह से उन्होंने कुड़मि समुदाय को एस टी में शामिल करने संबंधी मांग पर अपनी बात रखी वो उनकी अज्ञानता और अपरिपक्वता के साथ साथ कुड़मि समुदाय के प्रति उनकी दूर्भावना साफ दिखाई दिया। हेमंत खुद और शीबू सोरेन एवं झामुमो भी कुड़मियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की बात सदन से बाहर और कई मांग पत्र में हस्ताक्षर कर पूर्व में करते आये हैं। उपलब्ध तमाम दस्तावेज कुड़मि को एसटी में शामिल रहने वाले समुदाय के रूप में मान्यता दे रहे हैं।
आगे बताया कि हेमंत सोरेन द्वारा कहा जाना कि आदिवासी बनकर कुड़मि को क्या मिलेगा आदिवासी तो खुद मुसीबत हैं, ये बेतुका सा बात है। पांच साल लगातार मुख्यमंत्री रहने के बाद ये कहना अशोभनीय है। उनके बात से लगता है कि आदिवासी परेशानी में हैं इसलिए एक दूसरे आदिवासी समुदाय कुड़मि को हक अधिकार से वंचित रखने जैसा है और आदिवासियों के संविधान में निहित आदिवासी अधिकार के विरुद्ध है।
झारखंड के क्रांतिदूत वीर शहीद शक्तिनाथ महतो के जयंती पर सभा आयोजित की गई।
हेमंत सोरेन खुद को संविधान से ऊपर ना समझें :- संजीव महतो AJSU पार्टी केंद्र सचिव