Headlineकिशोरपॉलिटिक्सराजनिति

जमीन पर वक्फ के मनमाने दावे खारिज अब होंगे, गैर मुस्लिम न्यायाधिकार से बाहर।

जमीन पर वक्फ के मनमाने दावे खारिज अब होंगे, गैर मुस्लिम न्यायाधिकार से बाहर।

केंद्र सरकार वक्फ कानून में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत गैर मुस्लिमों को वक्फ के न्यायाधिकार से बाहर लाया जाएगा और जमीन पर वक्फ के मनमाने दावे खारिज होंगे। दरअसल, साल 2013 में यूपीए-2 सरकार ने वक्फ अधिनियिम में संशोधन कर व्यवस्था दी कि वक्फ से असहमत व्यक्ति को भी अपने मामलों के समाधान के लिए वक्फ बोर्ड के पास ही आना होगा। पहले जो वक्फ शिया और सुन्नियों के जमीन के विवाद तक सीमित था, उसका दायरा हिंदुओं समेत सभी गैर मुस्लिमों तक बढ़ा दिया गया। यानी अगर वक्फ किसी हिंदू संपत्ति को अपना घोषित कर दे तो इस दावे के खिलाफ हिंदू निकाय को वक्फ की ओर से गठित ट्रिब्यूनल में अपनी बात साबित करनी होती थी।

अब वक्फ अधिनियम-1954 में केंद्र सरकार संशोधन करने जा रही है। इसके संशोधित बिल को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी। अब इसे संसद में वित्त विधेयक पारित होने के तुरंत बाद पेश किया जा सकता है। इस बिल में कुल 40 संशोधन पेश किए जा रहे हैं।

ट्रिब्यूनल के खिलाफ सिविल कोर्ट जा सकेंगे

 

अभी वक्फ के पास अधिकार है कि वह किसी भी जमीन को अपनी

 

वक्फ कोई सर्वे कराता था तो उसका खर्च भी राज्य सरकार को

 

घोषित कर सकता है और उस पर मुतवल्लियों (प्रबंधक) को नियुक्त कर सकता है। गैर मुस्लिमों के मामले भी वक्फ की ओर से गठित ट्रिब्यूनल में जाते थे। ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने का प्रावधान था। अब क्या होगा… ऐसे मामलों में सिविल कोर्ट का दखल होगा। संपत्तियों पर मनमाने दावों के बाद विवादों की संख्या भी 40 हजार से अधिक है। ऐसे में गैर मुस्लिम सिविल कोर्ट में जा सकेंगे। जमीन का मनमाने ढंग से सर्वे कराने की वक्फ के अधिकार को भी सीमित किया जा रहा है। अगर

संशोधन इसलिए ऑडिट के दायरे में आएगा वक्फ

मुतवल्लियों के कामकाज को दुरुस्त करना। वक्फ जमीनों को जिला मुख्यालयों के राजस्व विभाग में पंजीकृत कराना और इनका कम्प्यूटर रिकॉर्ड बनाना। वक्फ प्रबंधन में गैर मुसलमान तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करना। केंद्रीय वक्फ परिषद में दो और राज्य परिषद में एक-एक महिला सदस्य को रखना। वक्फ को वित्तीय ऑडिट के दायरे में लाना।

 

उठाना पड़ता था। वक्फ की संपत्ति का प्रबंधन करने वाले मुतवल्लियों को सरकारी नौकर माना जाता था।

• वक्फ बाई यूजर की व्यवस्था भी समाप्त की जा सकती है। इसके तहत वक्फ अपने किसी नुमाइंदे को जमीन का मालिक बनाता रहा है। जगह-जगह मजारों पर नियंत्रण करने वाले वक्फ बाई यूजर मालिक बन चुके हैं।

• अगर वक्फ किसी संपत्ति को अपना घोषित कर दे तो उस पर वक्फ का सदा के लिए अधिकार हो जाता है। बेंगलुरु में ईदगाह मैदान को 1850 से वक्फ की जायदाद घोषित किया हुआ है।

1.2 लाख करोड़ की संपत्ति का मालिक है वक्फ… वक्फ के पास देशभर में 8.7 लाख जमीनें हैं जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हैं। वक्फ 1.2 लाख करोड़ की संपत्ति का मालिक है, लेकिन खराब प्रबंधन और अतिक्रमण के चलते इनसे आय 200 करोड़ रु. भी नहीं है। इन जमीनों पर 200 व्यक्तियों का कब्जा है।

Related posts

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना: 1 करोड़ घरों में लगेंगे सोलर पैनल- अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी का बड़ा फैसला:-

The Real Diary

क्या आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की जान खतरे में है?

The Real Diary

पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर बीजेपी सांसद ने की केंद्र से अपील,मुर्शिदाबाद सहित 4 जिलों में AFSPA लगाने की मांग?

The Real Diary

Leave a Comment