होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परसपानी उपेक्षा का शिकार या परसपानी क्षेत्र को अविकसित बनाये रखने की साजिश।
सबसे पहले बात करते हैं मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर जो कि जरुरी संसाधनों को दुरुस्त करने का सुझाव केंद्रीय होम्योपैथी परिषद द्वारा राज्य सरकार को पिछले समय कहा गया था लेकिन राज्य सरकार की उपेक्षा के कारण अब मान्यता समाप्त होने के कगार पर है। इससे सिर्फ परसपानी क्षेत्र को नुकसान नहीं बल्कि पूरे जिला और झारखंड को है क्योंकि यहाँ से प्रत्येक वर्ष 60 डॉक्टर बनते हैं जो अब मान्यता रद्द होने के बाद नहीं बन सकेंगे।

अगर परसपानी क्षेत्र के संदर्भ में देखें तो इस क्षेत्र का इतिहास रहा है कि बड़ी योजनाऐं इस क्षेत्र के लिए बनती है व आती हैं लेकिन सरजमीं पर उतरती नहीं। नवोदय विद्यालय , जिंदल का आंशिक प्रोजेक्ट, अडानी पावर प्लांट आदि कई योजना परियोजना राजनीति का शिकार होकर परसपानी से हटकर दुसरे जगह बन गई। होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज भी गांधी ग्राम में चलाना शुरू किया गया था और अन्यत्र ले जाने की साजिश जारी थी लेकिन तात्कालीन मुख्यमंत्री Babulal Marandi जी व मंत्री Sudesh Mahto जी से आग्रह कर मैंने व मेरे सहयोगियों ने परसपानी में ही बने ये निर्धारित कराया जो बना और चल भी रहा है लेकिन अब मान्यता ही रद्द होने का परिस्थिति उत्पन्न हो गया है। परसपानी क्षेत्र के बुद्धिजीवी व स्थानीय जनमानस को इस पर चिंता करना चाहिए कि इस क्षेत्र से जुड़े योजना परियोजनाओं के साथ ऐसा क्यों होता है और हो रहा है। गोड्डा के स्थानीय सांसद व विधायक एवं समाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं समेत झारखंड सरकार को भी चिंतन की आवश्यकता है नहीं तो एक बहुत महत्वपूर्ण संस्थान को खोने के कगार पर हमलोग खड़े हैं। आशा करते हैं वक्त रहते केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के नियमानुसार झारखंड के परसपानी गोड्डा स्थित इस होम्योपैथिक कालेज एवं अस्पताल को बचाने का प्रयास सभी मिलकर जनहित में करें।