पहलगाम हमला में भारत के एक्शन से पाकिस्तान की उडी चैन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन से पाकिस्तान बिलबिला गया है | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ धमकी दे रहे थे, फिर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जांच के लिए तैयार है और अब उन्होंने अपना सुर बदल लिया है |

अब उन्होंंने जांच में रूस, चीन सहित अन्य देशों से इसमें भागीदारी की अपील की है.
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है. बता दें कि 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे | हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक घटना मानी जा रही है |
हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग
पाकिस्तान ने इस हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूस द्वारा संचालित समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “रूस, चीन या पश्चिमी देशों को इस संकट में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए. वे एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल गठित कर सकते हैं, जो यह जांचे कि भारत या मोदी झूठ बोल रहे हैं या सच | कोरिबको के अनुसार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार ने इस हमले को “स्वतंत्रता सेनानी” द्वारा किया गया कार्य कहा, जो आतंकवाद को उचित ठहराने जैसा है. उन्होंने इसे “स्वतंत्रता सेनानियों” को बदनाम करने वाला बयान करार दिया |
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा
इसके अलावा, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यह हमला “झूठे झंडे का अभियान” हो सकता है. कोरिबको ने इसे बौद्धिक रूप से अपमानजनक और विरोधाभासी बयान बताया, यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अपने अधिकारियों के बीच एक स्पष्ट रुख नहीं बना पा रहा है और अपने पक्ष की मिलीभगत को छिपाने की कोशिश कर रहा है. भारत की ओर से पाकिस्तान के इन बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराएगा और कड़ी कार्रवाई करेगा, लेकिन इन बयानं से साफ है कि भारत के एक्शन से पाकिस्तान में हलचल मची है |
भारत के एक्शन से पाकिस्तान में अफरातफरी
भारत ने विशेष रूप से सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला लिया है, जो दोनों देशों के बीच जल वितरण से संबंधित है, और इसे एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम माना जा रहा है. इसके अलावा, अटारी चेक पोस्ट को बंद करना भी द्विपक्षीय व्यापार और लोगों के आपसी संपर्कों पर असर डाल सकता है. पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा की है, जो विशेष रूप से दोनों देशों के बीच विमान सेवा पर असर डाल सकती है | यह तनावपूर्ण स्थिति दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य और कूटनीतिक संघर्ष का संकेत है. भारत का कहना है कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ हो सकता है, और पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए ये कड़े कदम उठाए गए हैं. वहीं पाकिस्तान ने इन कदमों का विरोध करते हुए इसे अवैध और निंदनीय करार दिया है |