कुड़मी के हुंकार महारैली में उमड़ा जन सैलाब की ताकत से आंदोलन जरूर सफल होगा – शीतल ओहदार
रांची (स्वतंत्र राष्ट्रवादी मुख्पत्र) मोराबादी मैदान में रविवार को टोटेमिक कुड़मी महतो समाज की और से हुंकार महारैली में लाखों लाख की संख्या में शामिल होकर कुड़मी समाज ने चट्टानी एकता का परिचय दिया है उपस्थित जन सैलाव से यह आंदोलन जरूर सफल होगा यह बात केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहते हुए कहा है कि अनुसूचित जनजाति सूची में वर्तमान केन्द्र राज्य सरकार ने कुड़मी समाज को शामिल नहीं किया तो इसका परिणाम अगले चुनाव में सत्ताधारी दलों को भुगतना पड़ेगा। कुड़मी विकास मोर्चा के गोड्डा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार महतो ने कहा कि आज कुड़मी हुंकार महारैली में उपस्थित हुए पांच लाख लोगों के बीच मुझे दो बातें बोलने के लिए मंच पर आमंत्रित किये हम जैसे छोटे मोटे सामाजिक कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ाया, सबसे पहले मैं हुंकार महारैली के मुख्य संयोजक व टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष बड़े भैया शीतल ओहदार का धन्यवाद आभार व्यक्त करता हूँ सभी केन्द्रीय टीम के महासचिव रामपोदो महतो, कोषाध्यक्ष सखीचंद मीडिया प्रनारी ओमप्रकाश महतो व केन्द्रीय प्रधान प्रवक्ता एवं संथाल परगना प्रभारी बड़े भाई दीपक महतो जी जिन्होंने मुझे संगठन में इतना बड़ा दायित्व सौंपा है। लेकिन दुःख की बात है कि आज देश आजादी के ७३ साल बीत जाने के बाद कुड़मी समाज को एसटी सूची में सूचीबद्ध नहीं किया गया है कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है और आने वाले
चुनाव में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार को उखाड़ फेंकने की काम करेंगे। कुड़मी महतो जनजाति का अपना बाईसी व्यवस्था है
कुड़माली नेगाचारि से शादी बिहा होता है बारह मासे तेरह परब होता है अपनी संस्कृति हमलोगों का परंपरा से चला आ रहा है लेकिन फिर भी सरकार मौन धारण कर बैठे हुए हैं।